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बापू चिल्ड्रेन एकेडमी गोरखपुर में कक्षाओं के संचालन को लेकर उठे सवाल

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गोरखपुर/ पीपीगंज क्षेत्र स्थित बापू चिल्ड्रेन एकेडमी में कक्षाओं के सुचारू संचालन को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार विद्यालय प्रबंधक वैदेही शरण यादव ने विद्यालय संचालन को लेकर डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) गोरखपुर को शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि विद्यालय को व्यवस्थित और नियमानुसार संचालित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

डीआईओएस ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उक्त शपथ पत्र को संलग्न कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करें। बावजूद इसके अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के चलते विद्यालय में अभी तक नियमित पठन-पाठन प्रारंभ नहीं हो सका है।

विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के अभिभावक प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सत्र के बीच में विद्यालय बंद रहना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। कई अभिभावकों का मानना है कि बच्चों की पढ़ाई में जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई करना मुश्किल होगा।

अभिभावकों ने सवाल उठाया है कि आखिर इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन होगा? एक तरफ शिक्षा विभाग बच्चों के सर्वांगीण विकास और सत्र समय पर पूर्ण करने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर विद्यालय बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रबंधक ने शपथ पत्र देकर संचालन की जिम्मेदारी ली है, तो प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करते हुए विद्यालय की कक्षाएं शुरू करानी चाहिए। अधिकारियों की चुप्पी से यह सवाल और गहरा हो गया है कि कहीं शिक्षा विभाग स्वयं इस समस्या को नजरअंदाज तो नहीं कर रहा।

बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अभिभावकों ने मांग की है कि जिला विद्यालय निरीक्षक और शिक्षा विभाग तत्काल हस्तक्षेप कर बापू चिल्ड्रेन एकेडमी की कक्षाओं को सुचारू रूप से शुरू कराएं। उनका कहना है कि शिक्षा जैसी संवेदनशील व्यवस्था को लापरवाही की भेंट चढ़ाना किसी भी तरह उचित नहीं है।

बापू चिल्ड्रेन एकेडमी में जारी यह विवाद न केवल छात्रों के भविष्य के लिए चुनौती बन रहा है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

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बापू चिल्ड्रेन एकेडमी पीपीगंज का मान्यता विवाद हुआ शांत, विद्यार्थियों को मिली बड़ी राहत

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गोरखपुर/ जनपद के पीपीगंज क्षेत्र में स्थित बापू चिल्ड्रेन एकेडमी पर पिछले एक माह से चल रहे मान्यता विवाद का आखिरकार हल हो गया। आपको बता दे कि पिछले अगस्त महीने के 25 तारीख को मान्यता संबंधी शिकायत के चलते विद्यालय को सील कर दिया गया था। और अपने शनिवार को ताला खोल दिए जाने के बाद अब विद्यालय में प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक के विद्यार्थी पुनः सामान्य रूप से अध्ययन कर सकेंगे। इस फैसले से अभिभावकों और विद्यार्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

प्राप्त सूचना के अनुसार बापू चिल्ड्रेन एकेडमी की स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी। प्रारंभ से ही विद्यालय को कक्षा 1 से 8 तक की मान्यता प्राप्त थी। विवाद की शुरुआत तब हुई जब पिछले दिनों स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने अधिकारियों से शिकायत किया कि विद्यालय में अवैध तरीके से कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाएं संचालित हो रही है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए), डीआईओएस और खंड शिक्षा अधिकारी भरोहिया की टीम ने विद्यालय को सील कर दिया।

जांच के उपरांत यह स्पष्ट हुआ कि कक्षा 1 से 8 तक की मान्यता पूरी तरह वैध है। हालांकि उच्च कक्षाओं पर कार्रवाई अभी जारी रहेगी।

मान्यता विवाद समाप्त होने के उपरांत विद्यालय परिसर में एक समन्वय स्थापना एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय विद्यालय प्रबंधक संघ के जिला अध्यक्ष गणेश प्रकाश प्रसाद शर्मा ने की।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गौरव गोस्वामी भारती मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि विद्यालय की प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक की मान्यता वैध है और अब कक्षाएं सुचारु रूप से संचालित होंगी।

उन्होंने कहा कि इस निर्णय से अभिभावकों और विद्यार्थियों को राहत मिली है, जो एक माह से असमंजस की स्थिति में थे।

स्थानीय अभिभावकों ने विद्यालय का ताला खुलने पर खुशी जताई और कहा कि यह निर्णय सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से बचाने वाला है।

संघ के जिला अध्यक्ष गणेश प्रकाश प्रसाद शर्मा ने कहा कि आगे भी संगठन शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने के प्रयास करता रहेगा, जिससे इस प्रकार की परिस्थितियां भविष्य में उत्पन्न न हों।

इस संबंध में बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विद्यालय को प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 8 तक की मान्यता प्राप्त है। इसके ऊपर की कक्षाएं अवैध रूप से संचालित हो रही थीं, जिसके चलते विद्यालय को जांच के दौरान बंद किया गया था। अब मान्यता प्राप्त कक्षाओं में पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रह सकेगी।

इस पूरे विवाद से सबसे अधिक प्रभावित छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक रहे। विद्यालय के पुनः खुलने के साथ ही अब सैकड़ों बच्चों की शिक्षा में निरंतरता बनी रहेगी।

इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि शिक्षा संबंधी विवादों में पारदर्शिता और विभागीय समन्वय बेहद जरूरी है, ताकि विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर न लगे।

पीपीगंज के बापू चिल्ड्रेन एकेडमी में मान्यता विवाद का समाधान शिक्षा जगत के लिए एक सकारात्मक संदेश है। अब विद्यालय में प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक की पढ़ाई सामान्य रूप से जारी रहेगी, जबकि उच्च कक्षाओं पर जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। यह निर्णय जहां विद्यार्थियों और अभिभावकों को राहत देने वाला है, वहीं विद्यालय प्रबंधन के लिए भी एक सबक है कि भविष्य में नियमों का पालन और पारदर्शिता अनिवार्य है।

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स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग में टैबलेट वितरण, छात्रों में खुशी की लहर

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गोरखपुर/ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में शुक्रवार को पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग रायपुर, पीपीगंज में टैबलेट वितरण समारोह का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कैंपियरगंज के अधीक्षक डॉ. विनोद वर्मा रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिससे शिक्षा और ज्ञान के इस कार्यक्रम को पवित्रता मिली।

कार्यक्रम के दौरान स्वामी विवेकानंद योजना के अंतर्गत GNM तृतीय वर्ष और ANM द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत कुल 70 छात्र छात्राओं में 53 छात्र-छात्राओं को टैबलेट वितरित किए गए। जिन प्रमुख विद्यार्थियों को टैबलेट प्राप्त हुए, उनमें विवेक कुमार, सपना गहलोत, अफसाना, अंकिता मौर्य और नेहा प्रमुख रहीं। छात्रों ने इस योजना को शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम बताया।

छात्रों ने कहा कि सरकार द्वारा दिया गया यह टैबलेट शिक्षा को आसान बनाने वाला उपकरण सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि जब कोई विषय समझ में नहीं आता, तो इंटरनेट की सहायता से स्वयं अध्ययन कर सकेंगे। इससे ऑनलाइन एजुकेशन, ई-लर्निंग, और डिजिटल प्लेटफॉर्म का भरपूर लाभ उठाया जा सकेगा।

इस मौके पर कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. सैय्यद हबीबुल्लाह, डिप्टी डायरेक्टर इरफान हाशमी, एडिशनल डायरेक्टर फरहान हाशमी, प्रिंसिपल चिराग क्रिस्टी एवं वाइस प्रिंसिपल विशाल ओरीलाल सहित समस्त शिक्षकगण एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

कॉलेज प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना से छात्रों को डिजिटल तकनीक से लैस शिक्षा संसाधन प्राप्त हो रहा है, जिससे वे बदलते युग में आगे बढ़ने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के युवा सशक्तिकरण अभियान का सशक्त उदाहरण है।

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गोरखपुर की कनिष्का मिश्रा ने RPM एकेडमी में हासिल किया दूसरा स्थान, 90.6% अंक के साथ रचा इतिहास

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गोरखपुर/ केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने आज 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित किए, जिसमें गोरखपुर की RPM एकेडमी की छात्रा कनिष्का मिश्रा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने विद्यालय में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। कनिष्का ने 90.6% अंक यानी कुल 500 में से 453 अंक प्राप्त किए हैं। इस उत्कृष्ट परिणाम के साथ उन्होंने न केवल अपने स्कूल बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

कनिष्का मिश्रा एक किसान परिवार से आती हैं। उनके पिता एक साधारण किसान हैं, लेकिन उनकी मेहनत और परिवार का समर्थन कनिष्का की सफलता का आधार रहा है। शिक्षा के प्रति कनिष्का की लगन और अनुशासन हमेशा से उनके शिक्षकों और सहपाठियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है।

छात्र जीवन में शुरुआत से ही मेधावी रही कनिष्का पढ़ाई के साथ-साथ सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी सक्रिय रही हैं। उनका कहना है कि नियमित पढ़ाई, समय प्रबंधन और माता-पिता व शिक्षकों का सहयोग उनकी इस उपलब्धि के पीछे की सबसे बड़ी ताकत रही है।

CBSE बोर्ड के रिजल्ट घोषित होते ही जैसे ही कनिष्का मिश्रा के 90.6% अंक पाने की खबर फैली, पूरे RPM एकेडमी में खुशी की लहर दौड़ गई। विद्यालय के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने कनिष्का को मिठाई खिलाकर बधाई दी। क्षेत्र के लोगों ने भी कनिष्का और उनके परिवार को बधाइयां दीं। उनके घर पर लोगों का तांता लग गया है।

विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा, “कनिष्का शुरू से ही अनुशासित और मेहनती छात्रा रही हैं। उनकी यह सफलता आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनेगी।”

कनिष्का मिश्रा का लक्ष्य आगे चलकर मेडिकल क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहती हैं। कनिष्का मिश्रा आगे बताती है कि मेरी मां का निधन कुछ दिनों पूर्व हार्ट अटैक से हो गया था। जिसके कारण मेरा पूरा परिवार टूट चुका था। जिसके कारण मैं अब मैं डॉक्टर बनकर लोगो के दुख दर्द को दूर करूंगी। और इस तरह वे देश सेवा में योगदान देना चाहती हैं और मेडिकल क्षेत्र में एक विशेषज्ञ डॉक्टर बनकर गरीब व असहाय लोगों की मदद करना चाहती हैं। अभी से उन्होंने आगे की पढ़ाई की योजना बनानी शुरू कर दी है।

CBSE 10वीं के बोर्ड रिजल्ट 2025 में इस बार उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से भी होनहार छात्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। औसत पास प्रतिशत इस बार 87.4% रहा। गोरखपुर जैसे जिले से ऐसे होनहार छात्रों का उभरकर आना पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।

कनिष्का मिश्रा की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि सीमित संसाधनों में भी अगर मेहनत और लगन हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। गोरखपुर की यह बेटी आज न सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि पूरे जिले के लिए प्रेरणा बन चुकी है।

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