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स्मार्ट सीडर तकनीक से बदलेगा गोरखपुर का खेती मॉडल, पराली जलाए बिना गेहूं की अगेती बुवाई होगी सफल
गोरखपुर/पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। धान–गेहूं फसल चक्र में सबसे मुश्किल चुनौती पराली को जलाना और गेहूं की देरी से बुवाई अब समाप्त होने की कगार पर है। अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र, वाराणसी और महायोगी गुरु गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र, गोरखपुर के संयुक्त प्रयासों से “स्मार्ट सीडर मशीन” द्वारा बिना जुताई और बिना पराली जलाए गेहूं की सीधी बुवाई का सफल प्रदर्शन गोरखपुर के परसा माफी गांव में किया गया।
यह तकनीक किसानों को समय, श्रम और लागत से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में बड़ी भूमिका निभा रही है। विशेषज्ञों का दावा है कि इससे 65-70% तक उपज वृद्धि संभव है, जो किसानों की आय बढ़ाने में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
धान की फसल अक्सर देर से पकने के कारण किसान नवंबर के अंत तक गेहूं की बुवाई शुरू नहीं कर पाते, जिससे उपज में भारी गिरावट आती है। IRRI वाराणसी के वैज्ञानिक डॉ. अजय पुंडीर ने बताया कि –
“स्मार्ट सीडर मशीन पराली को खेत में ही छोड़ देती है और उसी पर गेहूं की सीधे बुवाई कर देती है। इससे किसान 25 नवंबर से पहले ही अगेती बुवाई पूरी कर सकते हैं, जो उच्च उपज के लिए बेहद जरूरी है।”
इस प्रदर्शन में स्थानीय किसान अंगद चौधरी, संजय कुमार, रामकेश, मंहगू, दिनेश, रमेश कुमार और महेंद्र सहित कई ग्रामीणों ने प्रत्यक्ष अनुभव लिया और तकनीक की जमकर सराहना की।
पारंपरिक विधि में धान कटाई के बाद जुताई और पराली जलाना अनिवार्य मान लिया जाता है। इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है और मिट्टी की उर्वरता प्रभावित होती है। वहीं स्मार्ट सीडर मशीन जीरो टिलेज तकनीक का उपयोग करती है, जो:
- खेत में धान अवशेष मिलाकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है
- पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकती है
- बुवाई की प्रक्रिया को 8–10 दिन तक पहले कर देती है
- लागत में 20–30% तक की कमी लाती है
केवीके के वैज्ञानिक डॉ. विवेक प्रताप सिंह बताते है कि –
“यह विधि किसानों के उत्पादन को बढ़ाती है, खेती की लागत घटाती है और ग्रीनहाउस गैसों में कमी लाती है। यह तकनीक जलवायु परिवर्तन से निपटने में अहम है।”
IRRI वाराणसी के निदेशक डॉ. सुधांशु सिंह के नेतृत्व में गोरखपुर सहित आठ जिलों में धान की सीधी बुवाई और गेहूं की अगेती बुवाई को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि –
“देरी से बुवाई के कारण गेहूं उत्पादन में 65–70% तक नुकसान होता है। यही हानि रोकने के लिए अगेती बुवाई बेहद जरूरी है।”
डॉ. सिंह के अनुसार, धान की सीधी बुवाई से किसानों को समय की बचत, कम लागत और बेहतर उपज के शानदार परिणाम मिले हैं।
स्मार्ट सीडर तकनीक न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि:
- मिट्टी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगी
- जैविक खेती को प्रोत्साहन देगी
- धुएं और प्रदूषण से मुक्ति दिलाएगी
- पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देगी
गोरखपुर क्षेत्र के किसानों के लिए यह तकनीक कृषि को अधिक वैज्ञानिक, लाभकारी और पर्यावरण–अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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कैंपियरगंज क्षेत्र में मेडिकल जांच टीम की कार्रवाई से मेडिकल माफियाओं में हड़कंप
गोरखपुर/कैंपियरगंज में लखनऊ से आई उच्चस्तरीय मेडिकल जांच टीम ने कैंपियरगंज सीएचसी क्षेत्र में गुरुवार को व्यापक औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया। टीम ने क्षेत्र के विभिन्न पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड सेंटर, मेडिकल स्टोर और निजी अस्पतालों की गतिविधियों की गहन जांच की।
सूत्रों के अनुसार जांच अभियान के दौरान टीम ने ओम पैथोलॉजी सेंटर, रमा अल्ट्रासाउंड सेंटर, बंगाली मेडिकल स्टोर, मोदीगंज स्थित एक अल्ट्रासाउंड सेंटर, और एक हड्डी संबंधित अस्पताल सहित कुल 16 संस्थानों की कार्यप्रणाली का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद इन सभी 16 प्रतिष्ठानों को अनियमितताओं और आवश्यक दस्तावेजों की कमी के आधार पर “नोटिस जारी” किए गए।
मेडिकल जांच टीम ने संबंधित सभी संस्थानों से एक सप्ताह के भीतर अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। टीम का कहना है कि क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए यह कार्रवाई आवश्यक थी। यदि संबंधित प्रतिष्ठान निर्धारित समय सीमा के भीतर संतोषजनक जवाब देने में असमर्थ रहते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।
गौरतलब है कि हाल के महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल संस्थानों द्वारा नियमों के उल्लंघन और बिना अनुमति जांच चलाने की शिकायतें बढ़ रही थीं। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर विशेष निरीक्षण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जगी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और मरीजों को सही सुविधाएं मिल सकेंगी।
स्थानीय निवासियों ने मेडिकल जांच टीम की इस कार्रवाई को “सकारात्मक कदम” बताया और उम्मीद जताई कि इससे अवैध और नियम विरुद्ध चिकित्सा गतिविधियों पर रोक लगेगी।
यह निरीक्षण अभियान आगे भी जारी रहेगा ताकि हर स्वास्थ्य केंद्र और निजी मेडिकल संस्था नियमानुसार सेवाएं प्रदान करे और मरीजों का भरोसा बना रहे।
इस संबंध में जब सीएचसी अधीक्षक डॉ विनोद वर्मा से बात की गई तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी बोलने से मना कर दिया है।
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ऑटो चालक की ईमानदारी बनी मिसाल, ढाई लाख के जेवरात सहित बैग लौटाया
गोरखपुर/ पीपीगंज थाना क्षेत्र के रायपुर की रहने वाली कलावती देवी, पत्नी दिनेश कुमार, शादी समारोह में शामिल होने के लिए अपने मायके बालापार जा रही थीं। यात्रा के दौरान वे पीपीगंज से गोरखपुर जाने वाले एक ऑटो में सवार हुईं। महुआसर उतरने के बाद जल्दबाज़ी में वे अपना बैग ऑटो से उतारना भूल गईं और अगले वाहन का इंतज़ार करने लगीं। इसी दौरान जब बैग याद आया तो कलावती देवी बेचैन हो उठीं और तुरंत परिजनों को सूचना दी।
परिजनों ने मौके पर पहुंचकर ऑटो चालक की काफी तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। थक-हारकर उन्होंने चिलुआताल पुलिस को बैग गुमशुदगी की लिखित तहरीर दे दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए संबंधित मार्गों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए।
उधर, जब ऑटो चालक अजय त्रिपाठी की नजर अपने वाहन में छूटे बैग पर पड़ी, तो उन्होंने बिना देर किए और बिना बैग खोले ही उसे पीपीगंज पुलिस चौकी प्रभारी गौरव त्रिपाठी को सौंप दिया। सूचना मिलते ही कलावती देवी पुलिस चौकी पहुंचीं और बैग की पहचान की। बैग खोलकर देखा तो सोने की चार अंगूठियां, दो झुमके, एक मंगलसूत्र समेत कुल लगभग ढाई लाख रुपए के जेवरात और नगद पूरी तरह सुरक्षित मिले।
चौकी प्रभारी ने पूरे मामले की लिखा-पढ़ी की और चिलुआताल पुलिस की सहमति से बैग महिला को सुपुर्द कर दिया।
जब ऑटो चालक अजय त्रिपाठी से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि यह उनका पहला मामला नहीं है। वे पहले भी कई बार ऑटो में छूटे सामान को पुलिस को सौंप चुके हैं। उनकी इस ईमानदारी की क्षेत्र में खूब सराहना हो रही है। वहीं कलावती देवी और उनके परिजनों ने भी अजय त्रिपाठी को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया।
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SIR फ़ॉर्म जमा कराने में प्रशासन सक्रिय, डीएम ने एआरओ, बीएलओ को दिए कड़े निर्देश
गोरखपुर/ जिले में SIR फार्म को लेकर जिला प्रशासन अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है। डीएम दीपक मीणा ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि SIR फार्म से जुड़े सभी एआरओ और बीएलओ अपने-अपने क्षेत्रों के शत-प्रतिशत SIR प्रपत्र अतिशीघ्र जमा करें, ताकि मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में देरी न हो और सभी मतदाताओं के नाम समय से शामिल किए जा सकें।
इसी के क्रम में पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिघरा में खंड शिक्षा अधिकारी भरोहिया नीलम की अगुवाई में अभियान लगातार चल रहा है। उन्होंने बताया कि विद्यालय के बूथ पर कुल लगभग 5000 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से 65% SIR फार्म अब तक जमा हो चुके हैं। शेष फॉर्म भी जल्द ही जमा कराए जा रहे हैं ताकि सूची संशोधन प्रक्रिया में कोई विलंब न हो।
कार्यक्रम के दौरान अंजना, गीता सिंह, मधुबाला सिंह, सीमा कश्यप सहित कई बीएलओ मौजूद रहीं। खंड शिक्षा अधिकारी नीलम ने सभी बीएलओ के साथ मिलकर SIR फार्म को शत-प्रतिशत भरवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
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