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एसआईआर (SIR) वेरिफिकेशन के नाम पर सक्रिय जालसाज—बीएलओ बनकर मांग रहे ओटीपी, प्रशासन ने जारी की चेतावनी
गोरखपुर। जिले में एसआईआर (स्पेशल समरी रिवीजन) वेरिफिकेशन के नाम पर एक नया साइबर फर्जीवाड़ा तेजी से फैल रहा है। जालसाज खुद को बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) बताकर मतदाता सूची सत्यापन का हवाला देते हुए नागरिकों से मोबाइल पर आया ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) मांग रहे हैं। प्रशासन ने इसे गंभीर साइबर धोखाधड़ी बताते हुए कहा है कि बीएलओ किसी भी स्थिति में ओटीपी, पासवर्ड या बैंक जानकारी नहीं मांगते। ओटीपी साझा करने पर व्यक्ति की बैंकिंग और डिजिटल सुरक्षा बुरी तरह खतरे में पड़ सकती है।
जिले में साइबर अपराधी अब मतदाता सूची संशोधन और परिवार विवरण सत्यापन को बहाना बना रहे हैं। वे कॉल करके खुद को बीएलओ बताते हैं और दावा करते हैं कि आपका नाम या पता फिर से सत्यापित करना है। इसके बाद वे मोबाइल पर भेजा गया ओटीपी मांगते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ओटीपी मिलने के बाद जालसाज पीड़ित के बैंक खातों, यूपीआई, ईमेल और सोशल मीडिया तक अनधिकृत पहुंच बना लेते हैं। कई मामलों में जालसाज मिनटों में खाते से पूरी रकम निकाल लेते हैं।
जिला प्रशासन और चुनाव कार्यालय ने स्पष्ट कहा है कि बीएलओ का कार्य केवल घर-घर जाकर जरूरी दस्तावेज और फॉर्म भरवाना होता है।
वे न कभी फोन पर सत्यापन करते हैं और न ही किसी नागरिक से ओटीपी या बैंक से जुड़ी जानकारी मांगते हैं।
प्रशासन ने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति खुद को बीएलओ बताकर ओटीपी मांग रहा है, तो वह निश्चित रूप से जालसाज है और उसकी तुरंत शिकायत की जानी चाहिए।
साइबर सेल के मुताबिक, कई लोग सरकारी प्रक्रिया की जानकारी न होने के कारण ठगी का शिकार बन जाते हैं।
ओटीपी साझा होते ही साइबर ठग पीड़ित के मोबाइल, ईमेल और बैंक ऐप्स को लिंक कर लेते हैं और बचत खाता, यूपीआई बैलेंस, क्रेडिट कार्ड लिमिट तक खाली कर देते हैं।
कुछ मामलों में वे पीड़ित की पहचान का उपयोग दूसरे अपराधों में भी कर सकते हैं, जिससे समस्या और बढ़ जाती है।
कैसे बचें साइबर ठगी से? साइबर सेल ने जारी की गाइडलाइन
- किसी भी व्यक्ति को ओटीपी, पासवर्ड या बैंकिंग जानकारी बिल्कुल न दें।
- बीएलओ कभी फोन पर सत्यापन नहीं करते और न ही ओटीपी मांगते हैं।
- संदिग्ध कॉल या संदेश मिलते ही “1930 साइबर हेल्पलाइन” पर शिकायत करें।
- बैंक अपडेट, केवाईसी, वोटर आईडी, बिजली बिल, सब्सिडी जैसे बहानों पर आने वाली कॉल तुरंत काट दें।
- जिस नंबर से कॉल आए उसे ब्लॉक करें और साइबर सेल को सूचित करें।
जिला प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया है कि ऐसे मामलों को परिवार, पड़ोस और खासकर बुजुर्गों के साथ साझा करें, ताकि कोई भी धोखेबाजों का शिकार न बने।
यदि कोई संदिग्ध कॉल, संदेश या व्हाट्सएप लिंक मिले, तो इसकी जानकारी तुरंत नजदीकी थाने या साइबर सेल को दें।
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कैंपियरगंज क्षेत्र में मेडिकल जांच टीम की कार्रवाई से मेडिकल माफियाओं में हड़कंप
गोरखपुर/कैंपियरगंज में लखनऊ से आई उच्चस्तरीय मेडिकल जांच टीम ने कैंपियरगंज सीएचसी क्षेत्र में गुरुवार को व्यापक औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया। टीम ने क्षेत्र के विभिन्न पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड सेंटर, मेडिकल स्टोर और निजी अस्पतालों की गतिविधियों की गहन जांच की।
सूत्रों के अनुसार जांच अभियान के दौरान टीम ने ओम पैथोलॉजी सेंटर, रमा अल्ट्रासाउंड सेंटर, बंगाली मेडिकल स्टोर, मोदीगंज स्थित एक अल्ट्रासाउंड सेंटर, और एक हड्डी संबंधित अस्पताल सहित कुल 16 संस्थानों की कार्यप्रणाली का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद इन सभी 16 प्रतिष्ठानों को अनियमितताओं और आवश्यक दस्तावेजों की कमी के आधार पर “नोटिस जारी” किए गए।
मेडिकल जांच टीम ने संबंधित सभी संस्थानों से एक सप्ताह के भीतर अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। टीम का कहना है कि क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए यह कार्रवाई आवश्यक थी। यदि संबंधित प्रतिष्ठान निर्धारित समय सीमा के भीतर संतोषजनक जवाब देने में असमर्थ रहते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।
गौरतलब है कि हाल के महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल संस्थानों द्वारा नियमों के उल्लंघन और बिना अनुमति जांच चलाने की शिकायतें बढ़ रही थीं। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर विशेष निरीक्षण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जगी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और मरीजों को सही सुविधाएं मिल सकेंगी।
स्थानीय निवासियों ने मेडिकल जांच टीम की इस कार्रवाई को “सकारात्मक कदम” बताया और उम्मीद जताई कि इससे अवैध और नियम विरुद्ध चिकित्सा गतिविधियों पर रोक लगेगी।
यह निरीक्षण अभियान आगे भी जारी रहेगा ताकि हर स्वास्थ्य केंद्र और निजी मेडिकल संस्था नियमानुसार सेवाएं प्रदान करे और मरीजों का भरोसा बना रहे।
इस संबंध में जब सीएचसी अधीक्षक डॉ विनोद वर्मा से बात की गई तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी बोलने से मना कर दिया है।
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ऑटो चालक की ईमानदारी बनी मिसाल, ढाई लाख के जेवरात सहित बैग लौटाया
गोरखपुर/ पीपीगंज थाना क्षेत्र के रायपुर की रहने वाली कलावती देवी, पत्नी दिनेश कुमार, शादी समारोह में शामिल होने के लिए अपने मायके बालापार जा रही थीं। यात्रा के दौरान वे पीपीगंज से गोरखपुर जाने वाले एक ऑटो में सवार हुईं। महुआसर उतरने के बाद जल्दबाज़ी में वे अपना बैग ऑटो से उतारना भूल गईं और अगले वाहन का इंतज़ार करने लगीं। इसी दौरान जब बैग याद आया तो कलावती देवी बेचैन हो उठीं और तुरंत परिजनों को सूचना दी।
परिजनों ने मौके पर पहुंचकर ऑटो चालक की काफी तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। थक-हारकर उन्होंने चिलुआताल पुलिस को बैग गुमशुदगी की लिखित तहरीर दे दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए संबंधित मार्गों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए।
उधर, जब ऑटो चालक अजय त्रिपाठी की नजर अपने वाहन में छूटे बैग पर पड़ी, तो उन्होंने बिना देर किए और बिना बैग खोले ही उसे पीपीगंज पुलिस चौकी प्रभारी गौरव त्रिपाठी को सौंप दिया। सूचना मिलते ही कलावती देवी पुलिस चौकी पहुंचीं और बैग की पहचान की। बैग खोलकर देखा तो सोने की चार अंगूठियां, दो झुमके, एक मंगलसूत्र समेत कुल लगभग ढाई लाख रुपए के जेवरात और नगद पूरी तरह सुरक्षित मिले।
चौकी प्रभारी ने पूरे मामले की लिखा-पढ़ी की और चिलुआताल पुलिस की सहमति से बैग महिला को सुपुर्द कर दिया।
जब ऑटो चालक अजय त्रिपाठी से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि यह उनका पहला मामला नहीं है। वे पहले भी कई बार ऑटो में छूटे सामान को पुलिस को सौंप चुके हैं। उनकी इस ईमानदारी की क्षेत्र में खूब सराहना हो रही है। वहीं कलावती देवी और उनके परिजनों ने भी अजय त्रिपाठी को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया।
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SIR फ़ॉर्म जमा कराने में प्रशासन सक्रिय, डीएम ने एआरओ, बीएलओ को दिए कड़े निर्देश
गोरखपुर/ जिले में SIR फार्म को लेकर जिला प्रशासन अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है। डीएम दीपक मीणा ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि SIR फार्म से जुड़े सभी एआरओ और बीएलओ अपने-अपने क्षेत्रों के शत-प्रतिशत SIR प्रपत्र अतिशीघ्र जमा करें, ताकि मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में देरी न हो और सभी मतदाताओं के नाम समय से शामिल किए जा सकें।
इसी के क्रम में पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिघरा में खंड शिक्षा अधिकारी भरोहिया नीलम की अगुवाई में अभियान लगातार चल रहा है। उन्होंने बताया कि विद्यालय के बूथ पर कुल लगभग 5000 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से 65% SIR फार्म अब तक जमा हो चुके हैं। शेष फॉर्म भी जल्द ही जमा कराए जा रहे हैं ताकि सूची संशोधन प्रक्रिया में कोई विलंब न हो।
कार्यक्रम के दौरान अंजना, गीता सिंह, मधुबाला सिंह, सीमा कश्यप सहित कई बीएलओ मौजूद रहीं। खंड शिक्षा अधिकारी नीलम ने सभी बीएलओ के साथ मिलकर SIR फार्म को शत-प्रतिशत भरवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
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