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35 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर किया आत्महत्या, परिजनों में शोक की लहर

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गोरखपुर/ पीपीगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत नगर पंचायत पीपीगंज के वार्ड संख्या चार, पंडित दीनदयाल नगर, तिघरा गाँव निवासी शिवेंद्र सिंह उर्फ शब्बू पुत्र उमाशंकर उम्र लगभग 35 वर्ष ने बुधवार शाम अज्ञात कारणों से आत्महत्या कर ली। घटना के बाद परिजनों में शोक की लहर छा गई है।

घटना की जानकारी मिलने पर पीपीगंज पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बीआरडी मेडिकल भेज दिया गया है। और मामले की जांच जारी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिवेंद्र सिंह बुधवार को भरोहिया शिव मंदिर से मेला देखने के बाद शाम को घर लौटे और कमरे में आराम करने चले गए। कुछ समय बाद जब परिजनों ने उन्हें खाना खाने के लिए बुलाया कोई आवाज कमरे से बाहर नहीं आई तो कुछ देर बाद तो परिजनों ने कमरे में जाकर देखा तो वह छत की कुंडी से फंदा लगाकर लटके हुए हैं। कमरे का दरवाजा खुला हुआ था और अंदर कोई अन्य व्यक्ति मौजूद नहीं था।

परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारा और मामले की जांच शुरू कर दी। फिलहाल युवक के आत्महत्या करने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस परिजनों और मित्रों से पूछताछ कर रही है ताकि घटना के पीछे की वजह का पता लगाया जा सके। शिवेन्द्र के अचानक आत्महत्या करने से परिजनों और गांव वालों को स्तब्ध कर दिया है। पीपीगंज पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच तेज कर दी है।

आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए परिजनों और मित्रों से बातचीत की जा रही है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या किसी तनाव या मानसिक परेशानी के कारण उन्होंने यह कदम उठाया। इस दुखद घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर फैला दी है।

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सीएचसी जंगल कौड़ियां में अवैध वसूली और बाहर की दवा लिखने पर सीएचसी अधीक्षक ने दिए कार्रवाई के आदेश

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गोरखपुर/ गोरखपुर जनपद के जंगल कौड़ियां स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में शनिवार को हुए एक गंभीर मामले के बाद सीएचसी अधीक्षक डॉ. उमेश नारायण गुप्ता ने अस्पताल परिसर और आसपास अवैध रूप से संचालित हो रही पैथोलॉजी लैब्स का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एक पैथोलॉजी के दस्तावेज सही पाए गए जबकि दूसरी पैथोलॉजी बंद मिली। इस कार्रवाई से अस्पताल और क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ऑनलाइन पेमेंट का स्क्रीनशॉट

शनिवार को सीएचसी जंगल कौड़ियां में एंटी रेबीज इंजेक्शन के नाम पर एक पीड़ित से 20 रुपए की ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार की गई थी। इस घटना की सूचना जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मीडिया टीम ने अस्पताल में तहकीकात किया और अधीक्षक से विस्तृत जानकारी ली।

सीएचसी अधीक्षक डॉ. उमेश नारायण गुप्ता ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ट्रेनिंग पर आए एक लड़के ने मरीज से एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाने के नाम पर अवैध रूप से ऑनलाइन भुगतान लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी अस्पतालों में किसी भी सेवा के लिए मरीजों से पैसे नहीं लिए जाते। यदि कोई कर्मचारी ऐसा करता है तो उसके विरुद्ध कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाती है।

अस्पताल निरीक्षण के दौरान कई खामियां उजागर

जब अधीक्षक अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण कर रहे थे, उसी दौरान एक महिला चिकित्सक द्वारा महिला मरीज को बाहर की दवा लिखते हुए पकड़ा गया। इस पर सीएचसी अधीक्षक ने महिला डॉक्टर को कड़ी फटकार लगाई और निर्देश दिए कि किसी भी मरीज को बाहर की दवाइयाँ नहीं लिखी जाएंगी। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में ऐसी घटना दोबारा सामने आई तो संबंधित डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान अधीक्षक ने अस्पताल के सभी वार्डों में साफ-सफाई की व्यवस्था सुधारने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को मरीजों के साथ शालीनता और संवेदनशीलता से पेश आने की सख्त हिदायत दी।

सीएमओ ने दी कार्रवाई की चेतावनी

जब इस पूरे प्रकरण पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से टेलीफोन पर बातचीत की गई तो उन्होंने भी मामले की पुष्टि की। सीएमओ ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है और दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

सीएमओ ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। मरीजों को निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना प्राथमिकता है।

क्षेत्र में मचा हड़कंप, मरीजों में नाराजगी

इस घटना के सामने आने के बाद जंगल कौड़ियां क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लोगों में नाराजगी देखने को मिली। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में भी यदि अवैध वसूली और बाहर की दवा लिखने जैसी घटनाएं होंगी, तो गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

मरीजों ने मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी सरकारी अस्पताल में इस प्रकार के कृत्य दोहराए न जाएं।

यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि सरकारी अस्पतालों में सुधार और निगरानी की सख्त जरूरत है। अस्पतालों में साफ-सफाई, मरीजों के प्रति व्यवहार और दवाइयों के वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है। साथ ही, इस प्रकार के निरीक्षण और कार्रवाईयों से स्वास्थ्य सेवाओं में जनता का भरोसा बढ़ेगा और लापरवाह कर्मचारियों में जवाबदेही की भावना विकसित होगी।

गोरखपुर सीएचसी जंगल कौड़ियां की यह घटना एक मिसाल बन सकती है अगर संबंधित अधिकारियों द्वारा दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और समय पर कार्रवाई की जाए।

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जमीनी रंजिश को लेकर मां-बेटे पर जानलेवा हमला, बेटे की हालत गंभीर

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गोरखपुर/ गोरखपुर जनपद के पीपीगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत नगर पंचायत पीपीगंज के वार्ड नंबर 13, श्यामनगर के कहरौली में जमीनी विवाद ने एक बार फिर खूनी रूप ले लिया। पुरानी रंजिश को लेकर शुक्रवार की सुबह मां-बेटे पर जानलेवा हमला कर दिया गया। इस हिंसक घटना में शैलेश उर्फ चंदन चौरसिया और उनकी मां गायत्री देवी गंभीर रूप से घायल हो गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शैलेश उर्फ चंदन चौरसिया पुत्र स्वर्गीय हीरा अपनी मां गायत्री देवी पत्नी स्वर्गीय हीरा के साथ अपने घर पर मौजूद थे, तभी अचानक आधा दर्जन से अधिक लोग लाठी, डंडे और धारदार हथियारों से लैस होकर उनके घर में घुस आए। हमलावरों ने मां-बेटे पर ताबड़तोड़ हमला कर उन्हें लहूलुहान कर दिया और मौके से फरार हो गए।

स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी और घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जंगल कौड़िया पहुंचाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को गंभीर हालत में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। शैलेश उर्फ चंदन की हालत नाजुक बनी हुई है, और वह जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

जमीनी विवाद और पारिवारिक रंजिश

इस हमले की मुख्य वजह जमीनी विवाद और पारिवारिक रंजिश बताई जा रही है। इलाके में तनाव का माहौल है। श्यामनगर के स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है और वे जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इस संबंध जब पीपीगंज थाना प्रभारी प्रभु दयाल सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही शुरू कर दी गई हैं।

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रंजिश में चाकू से हमला: घायल महिला की इलाज के दौरान मौत

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गोरखपुर/ पीपीगंज थाना क्षेत्र के रमवापुर गांव में तीन मार्च 2025 को हुए चाकूबाजी के मामले में घायल महिला शकीरून निशा उम्र लगभग 40 वर्ष ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हमले में अन्य लोग भी घायल हुए थे, लेकिन महिला की हालत गंभीर बनी हुई थी।

क्या है पूरा मामला
तीन मार्च को दो परिवारों के बीच विवाद हुआ, जो इतना बढ़ गया कि नौसाद उर्फ छोटू (26) पुत्र जाकिर ने शकीरून निशा और अलाउद्दीन पुत्र इद्रीश पर चाकू से हमला कर दिया। इस हमले में शकीरून को गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। हालत में सुधार न होने पर उन्हें गोरखनाथ क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां इलाज के दौरान सोमवार सुबह महिला की मौत हो गई।

पीड़ित परिवार का हाल
मृतक शकीरून निशा अपने पीछे दो नाबालिग बच्चों को छोड़ गई हैं। जिनकी बड़े बेटे आलम की उम्र 14 वर्ष छोटी बेटी नाजमा की उम्र 11 वर्ष है। उनके पति सलामत अली पेशे से मोटर मैकेनिक हैं। इस घटना के बाद से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

पुलिस की कार्रवाई
इस मामले में पुलिस पहले ही आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। महिला की मौत के बाद पुलिस ने मामले को और गंभीरता से लेते हुए जांच तेज कर दी है।

इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। पुलिस लगातार गश्त कर रही है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है।

यह घटना क्षेत्र में बढ़ते आपराधिक मामलों को दर्शाती है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस अब आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।

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