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रेनबो हॉस्पिटल पीपीगंज में डॉक्टर की लापरवाही से 18 माह की मासूम की मौत, परिजनों का फूटा गुस्सा

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गोरखपुर/ पीपीगंज कस्बे में पुलिस चौकी के पीछे स्थित रेनबो हॉस्पिटल एक बार फिर विवादों में आ गया है। बीती रात मंगलवार को इलाज के दौरान एक 18 महीने की मासूम बच्ची की मौत हो गई। परिजनों ने मौत का कारण डॉक्टर की लापरवाही बताया है, जिसके बाद हॉस्पिटल परिसर में जमकर हंगामा हुआ।

मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात को संभाला और बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर भेज दिया।

पनियरा थाना क्षेत्र के मुजूरी निवासी जयविंद पासवान अपनी 18 माह की बीमार बच्ची को रेनबो हॉस्पिटल पीपीगंज में इलाज के लिए लेकर पहुंचे थे। परिजनों के अनुसार डॉक्टर ने सामान्य इलाज शुरू किया, लेकिन बच्ची की हालत लगातार बिगड़ती गई। जब हालत गंभीर हुई तब डॉक्टरों ने गोरखपुर रेफर करने की बात कही, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल प्रशासन ने रेफर करने में देरी की, जिससे बच्ची की जान नहीं बच सकी। उन्होंने दावा किया कि डॉक्टर ने पैसे के लालच में समय पर रेफर नहीं किया।

कुछ माह पूर्व तत्कालीन सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे ने रेनबो हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया था, जिसमें रजिस्ट्रेशन संबंधित दस्तावेज मांगने पर हॉस्पिटल प्रशासन टालमटोल करता रहा। इसके बाद हॉस्पिटल को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया था। लेकिन अब तक रजिस्ट्रेशन को लेकर क्या कार्यवाही हुई, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।

पीपीगंज कस्बे में कई हॉस्पिटल, पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटर बिना पंजीकरण के धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। इन जगहों पर बिना प्रशिक्षण प्राप्त युवक और युवतियां इलाज में लगे हैं, जो आम जनता के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा साबित हो रहे हैं।

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, रेनबो हॉस्पिटल में ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन अक्सर परिजनों को समझा-बुझाकर और ले दे कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।

इस घटना के बाद क्षेत्रीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जब स्वास्थ्य विभाग को हॉस्पिटल की अनियमितताओं की जानकारी पहले से थी, तो अब तक कड़ी कार्यवाही क्यों नहीं हुई?

रेनबो हॉस्पिटल में बच्ची की मौत ने एक बार फिर से स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता को उजागर कर दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है।

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“अंतर्राष्ट्रीय हिंदू शक्ति सेना” के प्रदेश उपाध्यक्ष बने गोरखपुर निवासी सुनील पाठक

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उत्तर प्रदेश ,अंतर्राष्ट्रीय हिंदू शक्ति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित मनोज शुक्ला “महाकाल” एडवोकेट एवं प्रदेश अध्यक्ष (पत्रकार) पंडित आनंद त्रिपाठी ने गोरखपुर निवासी पूर्व जिला पंचायत प्रत्याशी एवं वरिष्ठ हिंदू नेता को अंतर्राष्ट्रीय हिंदू शक्ति सेना का प्रदेश उपाध्यक्ष घोषित किया है।

इनके मनोनय से अंतर्राष्ट्रीय हिंदू शक्ति सेना एवं प्रदेश के आम हिंदू जनमानस को नई दिशा और दशा मिलेगी। वही नियुक्ति पत्र पाने से उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है। समस्त संगठन, समर्थकों अधिवक्ता, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक, चिकित्सक, व्यवसाई एवं अन्य वर्ग के समस्त लोगों ने उनको इस नए जिम्मेदारी के लिए टेलीफोन के माध्यम से बधाई दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए जाने पर सुनील पाठक ने कहा की पद की गरिमा के अनुसार कार्य किया जाएगा। संगठन का विस्तार उत्तर प्रदेश में तेजी से साथ किया जाएगा। कहीं पर भी किसी भी हिंदू का अहित नहीं होने दिया जाएगा। और सबको एक साथ लेकर चला जाएगा तभी अंतर्राष्ट्रीय हिंदू शक्ति सेवा का लक्ष्य पूरा होगा। और साथ ही साथ प्रदेश के जनपदों में हर प्रकोष्ठ में जाकर पदाधिकारी का चयन किया जाएगा और सदस्यता अभियान अधिक से अधिक रखने का लक्ष्य बनाया जाएगा। ताकि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय हिंदू शक्ति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष का सपना पूरा हो सके इसके लिए भरपूर कोशिश की जाएगी।

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शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण, युवती लगा रही न्याय की गुहार, पुलिस पर पक्षपात का आरोप

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गोरखपुर जनपद के पीपीगंज थाना क्षेत्र की एक युवती इन दिनों न्याय की तलाश में दर-दर भटक रही है, लेकिन उसे न तो प्रेमी से इंसाफ मिल रहा है और न ही पुलिस से सहयोग। युवती ने आरोप लगाया है कि उसके प्रेमी ने शादी का झांसा देकर कई वर्षों तक शारीरिक शोषण किया और जब वह उसके घर पहुंची तो ससुराल वालों ने उसे जबरन घर से निकाल दिया।

सूत्रों के अनुसार, पीपीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव का युवक वर्ष 2015 से ही उसी गांव की एक लड़की से प्रेम करता था। इस दौरान युवक ने शादी का वादा कर लड़की से कई बार शारीरिक संबंध बनाए। युवती के अनुसार, वह कई बार गर्भवती हुई लेकिन युवक ने उसे जबरन दवाएं खिलाकर गर्भपात करवाया

जब युवती ने शादी के लिए दबाव बनाया तो युवक ने चिलुआताल थाना क्षेत्र के महेसरा मंदिर में उससे शादी कर ली। लेकिन यह शादी भी सिर्फ दिखावा निकली। शादी के बाद जब युवती ससुराल पहुंची तो उसकी सास और ननद ने उसे घर में घुसने नहीं दिया और उसे जबरन घर से निकाल दिया। इसके बाद युवक के घरवालों ने उसकी शादी कहीं और तय कर दी।

युवती ने मीडिया से बातचीत में पीपीगंज पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उसका कहना है कि पुलिस उसे लगातार समझौता करने का दबाव बना रही है। उसे कहा जा रहा है कि कुछ रुपये लेकर दूसरी शादी कर ले और बीते दिनों को भूल जाए। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने लड़के के परिवार से पैसे लेकर निष्पक्ष कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है

अपनी पीड़ा बताते हुए युवती ने कहा, “अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं अपनी जान दे दूंगी और इसके लिए पीपीगंज पुलिस और लड़के का परिवार जिम्मेदार होगा।” यह बयान एक गंभीर चिंता का विषय है जो न सिर्फ समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाता है बल्कि पुलिस की भूमिका पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।

जब इस संबंध में कैंपियरगंज क्षेत्राधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा, “मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। लेकिन अब मुझे जानकारी मिली है, तो मैं यह आश्वस्त करता हूं कि युवती के साथ अन्याय नहीं होगा। दोषी के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी और पीड़िता को न्याय मिलेगा।”

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पीपीगंज नगर पंचायत में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान, जिम्मेदारों पर उठे रहे सवाल

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गोरखपुर जिले के नगर पंचायत पीपीगंज में एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां के निर्माणाधीन नगर पंचायत कार्यालय परिसर में लगा राष्ट्रीय तिरंगा झंडा कई दिनों से फटा हुआ है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की नजर इस पर नहीं पड़ी है। तेज हवा के चलते झंडा फट गया है, जिससे देश के सम्मान का प्रतीक तिरंगा अपमानित हो रहा है।

पीपीगंज की खबर यह भी उजागर करती है कि जहां देश में पहलगाम आतंकी हमले के बाद हर नागरिक देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत है, वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत पीपीगंज के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से मुँह मोड़ रहे हैं। तिरंगे झंडे का अपमान भारतीय कानून के तहत राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है, फिर भी कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही।

स्थानीय नागरिकों में इस घटना को लेकर भारी रोष है। लोगों का कहना है कि अगर कोई आम नागरिक तिरंगे का अपमान करे, तो उस पर त्वरित कार्रवाई होती है, लेकिन यहां सरकारी लापरवाही को नजरअंदाज किया जा रहा है।

इस संबंध में जब अधिशाषी अधिकारी आञ्जनेय मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं यदि ऐसा है तो उसे तत्काल उतरवाकर रखा जाएगा और उसकी जगह पर दूसरे तिरंगे झंडे को लगाया जाएगा। अभी कुछ दिनों पूर्व में भी तिरंगा झंडा तेज हवा के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था जिसे बदलवाकर नया झंडा लगाया गया था।

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