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दीपशिखा गर्ल्स इंटर कॉलेज में मेधावी छात्राओं का सम्मान, बालिका शिक्षा को मिला नया आयाम

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गोरखपुर/जनपद के नगर पंचायत पीपीगंज के प्रतिष्ठित दीपशिखा गर्ल्स इंटर कॉलेज में UP Board परीक्षा 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली मेधावी छात्राओं के सम्मान में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक ओम प्रकाश त्रिपाठी, प्रधानाचार्य आशा त्रिपाठी, दीपशिखा पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य अजय प्रकाश त्रिपाठी एवं समस्त शिक्षकों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

यह कार्यक्रम छात्राओं के मनोबल को बढ़ाने एवं बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। समारोह में छात्राओं के साथ उनके अभिभावक भी शामिल हुए और गर्व के क्षणों को साझा किया।

UP बोर्ड की परीक्षा में बालिकाओं ने लहराया परचम

विद्यालय की छात्रा वैष्णवी गुप्ता ने हाई स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन किया। उन्होंने 91% अंक अर्जित किए और गणित में 98 अंक लाकर विशेष सराहना पाई।
हाई स्कूल की अन्य टॉपर छात्राएं थीं:

  • अनुपमा सिंह – 86% (द्वितीय स्थान)
  • अनुष्का – 85% (तृतीय स्थान)

इंटरमीडिएट विज्ञान वर्ग में शीर्ष स्थान पर रहीं:

  • रोशनी यादव – 84% (प्रथम स्थान)
  • अरसा – 81% (द्वितीय स्थान)
  • काजल विश्वकर्मा – 80% (तृतीय स्थान)

इंटरमीडिएट कला वर्ग की टॉपर छात्राएं थीं:

  • स्नेहा यादव – 79% (प्रथम स्थान)
  • काव्यांजलि शर्मा – 77% (द्वितीय स्थान)
  • गौरी गौड़ – 75% (तृतीय स्थान)

विद्यालय परिवार ने सभी छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी और आगे भी इसी तरह उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया।

बालिका शिक्षा को समर्पित दीपशिखा कॉलेज

दीपशिखा गर्ल्स इंटर कॉलेज, पीपीगंज क्षेत्र का ऐसा पहला विद्यालय है जो बालिका शिक्षा के लिए पूर्णतः संकल्पित है। यहाँ अनुशासन, संस्कार और गुणवत्ता युक्त शिक्षा दी जाती है। विद्यालय में विज्ञान एवं कला वर्ग के साथ-साथ हाई स्कूल स्तर की पढ़ाई भी होती है।

इस विद्यालय की विशेषता यह है कि छात्राओं को अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ चरित्र निर्माण एवं संस्कार पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। विद्यालय की यह पहल क्षेत्र में नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है।

समारोह का कुशल संचालन

सम्मान समारोह का संचालन विद्यालय के रसायन विज्ञान प्रवक्ता आदर्श वर्धन पाठक द्वारा किया गया। उन्होंने छात्राओं की मेहनत और लगन की सराहना करते हुए सभी को शुभकामनाएं दीं।

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बापू चिल्ड्रेन एकेडमी पीपीगंज का मान्यता विवाद हुआ शांत, विद्यार्थियों को मिली बड़ी राहत

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गोरखपुर/ जनपद के पीपीगंज क्षेत्र में स्थित बापू चिल्ड्रेन एकेडमी पर पिछले एक माह से चल रहे मान्यता विवाद का आखिरकार हल हो गया। आपको बता दे कि पिछले अगस्त महीने के 25 तारीख को मान्यता संबंधी शिकायत के चलते विद्यालय को सील कर दिया गया था। और अपने शनिवार को ताला खोल दिए जाने के बाद अब विद्यालय में प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक के विद्यार्थी पुनः सामान्य रूप से अध्ययन कर सकेंगे। इस फैसले से अभिभावकों और विद्यार्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

प्राप्त सूचना के अनुसार बापू चिल्ड्रेन एकेडमी की स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी। प्रारंभ से ही विद्यालय को कक्षा 1 से 8 तक की मान्यता प्राप्त थी। विवाद की शुरुआत तब हुई जब पिछले दिनों स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने अधिकारियों से शिकायत किया कि विद्यालय में अवैध तरीके से कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाएं संचालित हो रही है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए), डीआईओएस और खंड शिक्षा अधिकारी भरोहिया की टीम ने विद्यालय को सील कर दिया।

जांच के उपरांत यह स्पष्ट हुआ कि कक्षा 1 से 8 तक की मान्यता पूरी तरह वैध है। हालांकि उच्च कक्षाओं पर कार्रवाई अभी जारी रहेगी।

मान्यता विवाद समाप्त होने के उपरांत विद्यालय परिसर में एक समन्वय स्थापना एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय विद्यालय प्रबंधक संघ के जिला अध्यक्ष गणेश प्रकाश प्रसाद शर्मा ने की।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गौरव गोस्वामी भारती मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि विद्यालय की प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक की मान्यता वैध है और अब कक्षाएं सुचारु रूप से संचालित होंगी।

उन्होंने कहा कि इस निर्णय से अभिभावकों और विद्यार्थियों को राहत मिली है, जो एक माह से असमंजस की स्थिति में थे।

स्थानीय अभिभावकों ने विद्यालय का ताला खुलने पर खुशी जताई और कहा कि यह निर्णय सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से बचाने वाला है।

संघ के जिला अध्यक्ष गणेश प्रकाश प्रसाद शर्मा ने कहा कि आगे भी संगठन शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने के प्रयास करता रहेगा, जिससे इस प्रकार की परिस्थितियां भविष्य में उत्पन्न न हों।

इस संबंध में बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विद्यालय को प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 8 तक की मान्यता प्राप्त है। इसके ऊपर की कक्षाएं अवैध रूप से संचालित हो रही थीं, जिसके चलते विद्यालय को जांच के दौरान बंद किया गया था। अब मान्यता प्राप्त कक्षाओं में पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रह सकेगी।

इस पूरे विवाद से सबसे अधिक प्रभावित छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक रहे। विद्यालय के पुनः खुलने के साथ ही अब सैकड़ों बच्चों की शिक्षा में निरंतरता बनी रहेगी।

इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि शिक्षा संबंधी विवादों में पारदर्शिता और विभागीय समन्वय बेहद जरूरी है, ताकि विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर न लगे।

पीपीगंज के बापू चिल्ड्रेन एकेडमी में मान्यता विवाद का समाधान शिक्षा जगत के लिए एक सकारात्मक संदेश है। अब विद्यालय में प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक की पढ़ाई सामान्य रूप से जारी रहेगी, जबकि उच्च कक्षाओं पर जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। यह निर्णय जहां विद्यार्थियों और अभिभावकों को राहत देने वाला है, वहीं विद्यालय प्रबंधन के लिए भी एक सबक है कि भविष्य में नियमों का पालन और पारदर्शिता अनिवार्य है।

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बापू चिल्ड्रेन एकेडमी गोरखपुर में कक्षाओं के संचालन को लेकर उठे सवाल

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गोरखपुर/ पीपीगंज क्षेत्र स्थित बापू चिल्ड्रेन एकेडमी में कक्षाओं के सुचारू संचालन को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार विद्यालय प्रबंधक वैदेही शरण यादव ने विद्यालय संचालन को लेकर डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) गोरखपुर को शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि विद्यालय को व्यवस्थित और नियमानुसार संचालित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

डीआईओएस ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उक्त शपथ पत्र को संलग्न कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करें। बावजूद इसके अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के चलते विद्यालय में अभी तक नियमित पठन-पाठन प्रारंभ नहीं हो सका है।

विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के अभिभावक प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सत्र के बीच में विद्यालय बंद रहना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। कई अभिभावकों का मानना है कि बच्चों की पढ़ाई में जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई करना मुश्किल होगा।

अभिभावकों ने सवाल उठाया है कि आखिर इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन होगा? एक तरफ शिक्षा विभाग बच्चों के सर्वांगीण विकास और सत्र समय पर पूर्ण करने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर विद्यालय बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रबंधक ने शपथ पत्र देकर संचालन की जिम्मेदारी ली है, तो प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करते हुए विद्यालय की कक्षाएं शुरू करानी चाहिए। अधिकारियों की चुप्पी से यह सवाल और गहरा हो गया है कि कहीं शिक्षा विभाग स्वयं इस समस्या को नजरअंदाज तो नहीं कर रहा।

बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अभिभावकों ने मांग की है कि जिला विद्यालय निरीक्षक और शिक्षा विभाग तत्काल हस्तक्षेप कर बापू चिल्ड्रेन एकेडमी की कक्षाओं को सुचारू रूप से शुरू कराएं। उनका कहना है कि शिक्षा जैसी संवेदनशील व्यवस्था को लापरवाही की भेंट चढ़ाना किसी भी तरह उचित नहीं है।

बापू चिल्ड्रेन एकेडमी में जारी यह विवाद न केवल छात्रों के भविष्य के लिए चुनौती बन रहा है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

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स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग में टैबलेट वितरण, छात्रों में खुशी की लहर

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गोरखपुर/ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में शुक्रवार को पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग रायपुर, पीपीगंज में टैबलेट वितरण समारोह का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कैंपियरगंज के अधीक्षक डॉ. विनोद वर्मा रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिससे शिक्षा और ज्ञान के इस कार्यक्रम को पवित्रता मिली।

कार्यक्रम के दौरान स्वामी विवेकानंद योजना के अंतर्गत GNM तृतीय वर्ष और ANM द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत कुल 70 छात्र छात्राओं में 53 छात्र-छात्राओं को टैबलेट वितरित किए गए। जिन प्रमुख विद्यार्थियों को टैबलेट प्राप्त हुए, उनमें विवेक कुमार, सपना गहलोत, अफसाना, अंकिता मौर्य और नेहा प्रमुख रहीं। छात्रों ने इस योजना को शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम बताया।

छात्रों ने कहा कि सरकार द्वारा दिया गया यह टैबलेट शिक्षा को आसान बनाने वाला उपकरण सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि जब कोई विषय समझ में नहीं आता, तो इंटरनेट की सहायता से स्वयं अध्ययन कर सकेंगे। इससे ऑनलाइन एजुकेशन, ई-लर्निंग, और डिजिटल प्लेटफॉर्म का भरपूर लाभ उठाया जा सकेगा।

इस मौके पर कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. सैय्यद हबीबुल्लाह, डिप्टी डायरेक्टर इरफान हाशमी, एडिशनल डायरेक्टर फरहान हाशमी, प्रिंसिपल चिराग क्रिस्टी एवं वाइस प्रिंसिपल विशाल ओरीलाल सहित समस्त शिक्षकगण एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

कॉलेज प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना से छात्रों को डिजिटल तकनीक से लैस शिक्षा संसाधन प्राप्त हो रहा है, जिससे वे बदलते युग में आगे बढ़ने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के युवा सशक्तिकरण अभियान का सशक्त उदाहरण है।

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