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बापू इंटर कालेज के प्रधानाचार्य पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने लगाया गंभीर आरोप

गोरखपुर: एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने बापू इंटर कॉलेज में किया जोरदार प्रदर्शन, पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
गोरखपुर जनपद के पीपीगंज क्षेत्र स्थित बापू इंटर कॉलेज एक बार फिर विवादों में घिर गया, जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं और कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. बीके यादव के बीच ऑफिस के अंदर और बाहर आने को लेकर तीखी नोकझोंक हो गई। मामले ने तब तूल पकड़ा जब नाराज कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि मांगे पूरी नहीं की गईं तो कॉलेज के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर दी जाएगी।

प्रदर्शन की मुख्य वजहें: छात्र हितों की अनदेखी
प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन छात्रों से पीटीएम शुल्क, प्रवेश फॉर्म, परिचय पत्र और टाई के नाम पर अवैध रूप से पैसे वसूल रहा है। उन्होंने इन शुल्कों की तत्काल वापसी की मांग की। कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह आर्थिक शोषण छात्रों और उनके परिवारों पर अनावश्यक बोझ डाल रहा है।

पुलिस हस्तक्षेप और मांगों की स्वीकृति
प्रदर्शन के दौरान जब मामला ज्यादा बढ़ गया और कॉलेज परिसर में तनाव का माहौल बन गया, तो प्रधानाचार्य डॉ. बीके यादव ने स्थानीय पुलिस को बुला लिया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी एबीवीपी कार्यकर्ता प्रदर्शन पर अड़े रहे और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी जारी रखी।
हालात को संभालते हुए पुलिस ने कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की और प्रधानाचार्य से चर्चा की। अंततः डॉ. यादव ने लिखित रूप में सभी मांगों को मानने का आश्वासन दिया और एक पत्र जारी किया, जिसमें सभी अनावश्यक शुल्क वापस करने और छात्र हितों को प्राथमिकता देने की बात कही गई। इस लिखित आश्वासन के बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त किया।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने लगाए गंभीर आरोप
प्रदर्शन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्रधानाचार्य पर कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि डॉ. बीके यादव छात्रों के साथ मनमानी करते हैं और शिक्षा व्यवस्था को भ्रष्ट कर रहे हैं। छात्रों से जबरन शुल्क वसूली की जाती है और विरोध करने पर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।
कार्यकर्ताओं ने बताया कि पूर्व में भी इसी कॉलेज में प्रवेश शुल्क को लेकर विरोध हुआ था, जिसमें एबीवीपी की पहल पर ही प्रशासन को पीछे हटना पड़ा था। अब एक बार फिर जब छात्रों के हितों की अनदेखी हो रही है, तो एबीवीपी ने मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता चुना।
छात्रों की चुप्पी: डर और दबाव का संकेत
इस पूरे मामले में कुछ छात्रों ने मीडिया से नाम न छापने और कैमरे में नहीं आने की शर्त पर बातचीत की। उनका कहना था कि जब से वर्तमान प्रधानाचार्य कॉलेज में आए हैं, तब से शैक्षणिक वातावरण में गिरावट आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्य का व्यवहार छात्रों के प्रति अनुचित और अपमानजनक होता है।
एक छात्र ने बताया, “हम कुछ कहने से डरते हैं, क्योंकि अगर विरोध करते हैं तो हमें टारगेट किया जाता है और मानसिक दबाव बनाया जाता है।“ और छात्रों ने प्रधानाचार्य के रंगीन मिजाज और तानाशाही रवैये को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि यह विषय न सिर्फ कॉलेज के भीतर बल्कि बाहर भी चर्चा का कारण बन गया है।
शिक्षा का गिरता स्तर बना चिंता का विषय
बापू इंटर कॉलेज को एक समय क्षेत्र के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में गिना जाता था, लेकिन अब छात्रों और अभिभावकों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। एबीवीपी का यह प्रदर्शन सिर्फ शुल्क वापसी की मांग नहीं थी, बल्कि यह छात्रों के भविष्य की रक्षा और कॉलेज प्रशासन की जवाबदेही तय करने की मांग भी थी।
एबीवीपी की मांगें क्या थीं? (5 सूत्रीय ज्ञापन)
- पीटीए, प्रवेश फॉर्म, परिचय पत्र, टाई और पैरेंट्स मीटिंग के लिए लिए गए शुल्क को तत्काल वापस किया जाए।
- छात्रों के साथ हो रही मानसिक प्रताड़ना को रोका जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो।
- कॉलेज प्रशासन पारदर्शी कार्यशैली अपनाए और सभी गतिविधियों की जानकारी सार्वजनिक की जाए।
- छात्रों के शैक्षणिक अधिकारों की रक्षा की जाए और मनमानी फीस प्रणाली को समाप्त किया जाए।
- भविष्य में छात्र विरोधी गतिविधियों को रोका जाए और संवाद स्थापित करने के लिए छात्र प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
गोरखपुर के बापू इंटर कॉलेज में एबीवीपी द्वारा किया गया यह प्रदर्शन न सिर्फ एक संस्थान की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर भी गंभीर चिंतन की मांग करता है। जब छात्रों को उनकी आवाज उठाने के लिए आंदोलन करना पड़े, तो यह साफ संकेत है कि कहीं न कहीं शासन-प्रशासन और शिक्षा विभाग को सजग और सक्रिय होने की जरूरत है।
अब देखना यह होगा कि क्या कॉलेज प्रशासन अपने वादों पर कायम रहता है या फिर एबीवीपी और छात्रों को एक बार फिर आंदोलन करना पड़ेगा।
इस दौरान एबीवीपी के गोरखपुर विभाग के विभाग संगठन मंत्री राजवर्धन सिंह, जिला संगठन मंत्री रंजीत सिंह, प्रांत जन जाति सह संयोजक गुलशन रावत, प्रांत कार्यसमिति सदस्य रामआशीष निषाद, प्रांत मीडिया सह संयोजक रमण शुक्ल, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य राहुल पासवान, जिला संयोजक जयवीर सिंह, नवनीत सिंह, शनि सिंह, आदित्य चौबे, अजय नायक, विवेक नारायण, अमजद खान, सत्यम त्रिपाठी, अमन मद्धेशिया और सौम्या सिंह आदि कार्यकर्ता और कस्बा चौकी प्रभारी नितिन श्रीवास्तव, एसआई अनिकेत भारती, कांस्टेबल अमरनाथ और थाना प्रभारी पीपीगंज धर्मेंद्र सिंह अपने दल बल के साथ उपस्थित रहे।
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बापू चिल्ड्रेन एकेडमी पीपीगंज का मान्यता विवाद हुआ शांत, विद्यार्थियों को मिली बड़ी राहत

गोरखपुर/ जनपद के पीपीगंज क्षेत्र में स्थित बापू चिल्ड्रेन एकेडमी पर पिछले एक माह से चल रहे मान्यता विवाद का आखिरकार हल हो गया। आपको बता दे कि पिछले अगस्त महीने के 25 तारीख को मान्यता संबंधी शिकायत के चलते विद्यालय को सील कर दिया गया था। और अपने शनिवार को ताला खोल दिए जाने के बाद अब विद्यालय में प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक के विद्यार्थी पुनः सामान्य रूप से अध्ययन कर सकेंगे। इस फैसले से अभिभावकों और विद्यार्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

प्राप्त सूचना के अनुसार बापू चिल्ड्रेन एकेडमी की स्थापना वर्ष 2014 में हुई थी। प्रारंभ से ही विद्यालय को कक्षा 1 से 8 तक की मान्यता प्राप्त थी। विवाद की शुरुआत तब हुई जब पिछले दिनों स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने अधिकारियों से शिकायत किया कि विद्यालय में अवैध तरीके से कक्षा 9 से 12 तक की कक्षाएं संचालित हो रही है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए), डीआईओएस और खंड शिक्षा अधिकारी भरोहिया की टीम ने विद्यालय को सील कर दिया।
जांच के उपरांत यह स्पष्ट हुआ कि कक्षा 1 से 8 तक की मान्यता पूरी तरह वैध है। हालांकि उच्च कक्षाओं पर कार्रवाई अभी जारी रहेगी।
मान्यता विवाद समाप्त होने के उपरांत विद्यालय परिसर में एक समन्वय स्थापना एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय विद्यालय प्रबंधक संघ के जिला अध्यक्ष गणेश प्रकाश प्रसाद शर्मा ने की।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गौरव गोस्वामी भारती मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि विद्यालय की प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक की मान्यता वैध है और अब कक्षाएं सुचारु रूप से संचालित होंगी।
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से अभिभावकों और विद्यार्थियों को राहत मिली है, जो एक माह से असमंजस की स्थिति में थे।
स्थानीय अभिभावकों ने विद्यालय का ताला खुलने पर खुशी जताई और कहा कि यह निर्णय सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से बचाने वाला है।
संघ के जिला अध्यक्ष गणेश प्रकाश प्रसाद शर्मा ने कहा कि आगे भी संगठन शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने के प्रयास करता रहेगा, जिससे इस प्रकार की परिस्थितियां भविष्य में उत्पन्न न हों।
इस संबंध में बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विद्यालय को प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 8 तक की मान्यता प्राप्त है। इसके ऊपर की कक्षाएं अवैध रूप से संचालित हो रही थीं, जिसके चलते विद्यालय को जांच के दौरान बंद किया गया था। अब मान्यता प्राप्त कक्षाओं में पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रह सकेगी।
इस पूरे विवाद से सबसे अधिक प्रभावित छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक रहे। विद्यालय के पुनः खुलने के साथ ही अब सैकड़ों बच्चों की शिक्षा में निरंतरता बनी रहेगी।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि शिक्षा संबंधी विवादों में पारदर्शिता और विभागीय समन्वय बेहद जरूरी है, ताकि विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर न लगे।
पीपीगंज के बापू चिल्ड्रेन एकेडमी में मान्यता विवाद का समाधान शिक्षा जगत के लिए एक सकारात्मक संदेश है। अब विद्यालय में प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक की पढ़ाई सामान्य रूप से जारी रहेगी, जबकि उच्च कक्षाओं पर जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। यह निर्णय जहां विद्यार्थियों और अभिभावकों को राहत देने वाला है, वहीं विद्यालय प्रबंधन के लिए भी एक सबक है कि भविष्य में नियमों का पालन और पारदर्शिता अनिवार्य है।
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बापू चिल्ड्रेन एकेडमी गोरखपुर में कक्षाओं के संचालन को लेकर उठे सवाल

गोरखपुर/ पीपीगंज क्षेत्र स्थित बापू चिल्ड्रेन एकेडमी में कक्षाओं के सुचारू संचालन को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। जानकारी के अनुसार विद्यालय प्रबंधक वैदेही शरण यादव ने विद्यालय संचालन को लेकर डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) गोरखपुर को शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि विद्यालय को व्यवस्थित और नियमानुसार संचालित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
डीआईओएस ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उक्त शपथ पत्र को संलग्न कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करें। बावजूद इसके अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के चलते विद्यालय में अभी तक नियमित पठन-पाठन प्रारंभ नहीं हो सका है।
विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के अभिभावक प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सत्र के बीच में विद्यालय बंद रहना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। कई अभिभावकों का मानना है कि बच्चों की पढ़ाई में जो नुकसान हो रहा है, उसकी भरपाई करना मुश्किल होगा।
अभिभावकों ने सवाल उठाया है कि आखिर इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन होगा? एक तरफ शिक्षा विभाग बच्चों के सर्वांगीण विकास और सत्र समय पर पूर्ण करने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर विद्यालय बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रबंधक ने शपथ पत्र देकर संचालन की जिम्मेदारी ली है, तो प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करते हुए विद्यालय की कक्षाएं शुरू करानी चाहिए। अधिकारियों की चुप्पी से यह सवाल और गहरा हो गया है कि कहीं शिक्षा विभाग स्वयं इस समस्या को नजरअंदाज तो नहीं कर रहा।
बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अभिभावकों ने मांग की है कि जिला विद्यालय निरीक्षक और शिक्षा विभाग तत्काल हस्तक्षेप कर बापू चिल्ड्रेन एकेडमी की कक्षाओं को सुचारू रूप से शुरू कराएं। उनका कहना है कि शिक्षा जैसी संवेदनशील व्यवस्था को लापरवाही की भेंट चढ़ाना किसी भी तरह उचित नहीं है।
बापू चिल्ड्रेन एकेडमी में जारी यह विवाद न केवल छात्रों के भविष्य के लिए चुनौती बन रहा है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
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स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग में टैबलेट वितरण, छात्रों में खुशी की लहर

गोरखपुर/ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में शुक्रवार को पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग रायपुर, पीपीगंज में टैबलेट वितरण समारोह का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कैंपियरगंज के अधीक्षक डॉ. विनोद वर्मा रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिससे शिक्षा और ज्ञान के इस कार्यक्रम को पवित्रता मिली।

कार्यक्रम के दौरान स्वामी विवेकानंद योजना के अंतर्गत GNM तृतीय वर्ष और ANM द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत कुल 70 छात्र छात्राओं में 53 छात्र-छात्राओं को टैबलेट वितरित किए गए। जिन प्रमुख विद्यार्थियों को टैबलेट प्राप्त हुए, उनमें विवेक कुमार, सपना गहलोत, अफसाना, अंकिता मौर्य और नेहा प्रमुख रहीं। छात्रों ने इस योजना को शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम बताया।

छात्रों ने कहा कि सरकार द्वारा दिया गया यह टैबलेट शिक्षा को आसान बनाने वाला उपकरण सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि जब कोई विषय समझ में नहीं आता, तो इंटरनेट की सहायता से स्वयं अध्ययन कर सकेंगे। इससे ऑनलाइन एजुकेशन, ई-लर्निंग, और डिजिटल प्लेटफॉर्म का भरपूर लाभ उठाया जा सकेगा।

इस मौके पर कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. सैय्यद हबीबुल्लाह, डिप्टी डायरेक्टर इरफान हाशमी, एडिशनल डायरेक्टर फरहान हाशमी, प्रिंसिपल चिराग क्रिस्टी एवं वाइस प्रिंसिपल विशाल ओरीलाल सहित समस्त शिक्षकगण एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।

कॉलेज प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना से छात्रों को डिजिटल तकनीक से लैस शिक्षा संसाधन प्राप्त हो रहा है, जिससे वे बदलते युग में आगे बढ़ने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के युवा सशक्तिकरण अभियान का सशक्त उदाहरण है।
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August 30, 2025 at 7:02 pm
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