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अवैध ऑटो स्टैंड पर ऑटो चालकों द्वारा आपस में हुआ मारपीट, पुलिस हुई सक्रिय

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गोरखपुर/ आजकल शहरों में अवैध ऑटो स्टैंड की समस्या बढ़ती जा रही है, जो न केवल यात्री बल्कि आम राहगीरों के लिए भी परेशानी का कारण बन गई है। अवैध ऑटो स्टैंड के चालकों की मनमानी और बत्तमीजी के कारण यात्री व महिला यात्री खासतौर पर अधिक परेशान हो रहे हैं। इन चालकों द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है, जिससे महिलाओं को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति न केवल यात्री सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है, बल्कि यह समाज में असभ्यता और अशिष्टता को बढ़ावा दे रही है।

प्राप्त सूचना के अनुसार नगर पंचायत पीपीगंज में रेलवे स्टेशन के दक्षिणी पुरानी रेलवे गेट पर अवैध ऑटो स्टैंड संचालित किया जाता है। जिसमें इन चालकों द्वारा आए दिन मारपीट के मामले होते रहते है। जो बदलकर गंभीर रूप धारण कर लेती है।

बृहस्पतिवार को सुबह लगभग 12 बजे के आसपास दो चालकों में आपसी कहासुनी के दौरान मारपीट हो गई जिसकी सूचना पर पीपीगंज कस्बा चौकी प्रभारी नितिन श्रीवास्तव त्वरित कार्यवाही करते हुए एक को पूछताछ के लिए पकड़ लिए।

अभी कुछ दिनों पूर्व में इसी स्टैंड पर दो चालकों में मारपीट हो गई थी। जिसमें एफआईआर भी दर्ज हुआ था। लेकिन पुलिस द्वारा ठोस कार्रवाही नहीं होने से चालकों की मनमानी बढ़ती जा रही है।

अवैध ऑटो स्टैंड आमतौर पर प्रमुख मार्गों और चौराहों पर होते हैं, जहां सवारी का अत्यधिक दबाव होता है। इन ऑटो चालकों के द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर अपनी मनमानी करने से सड़क पर यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न होती है, जो सड़क सुरक्षा को भी खतरे में डालती है। ऐसे में, यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुँचने में कठिनाई होती है और समय की भी बर्बादी होती है।

महिलाओं के लिए यह समस्या और भी गंभीर बन जाती है, क्योंकि अक्सर इन चालकों द्वारा महिला यात्रियों के साथ अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है। यह न केवल महिलाओं के लिए मानसिक रूप से कष्टदायक होता है, बल्कि यह समाज में असुरक्षा की भावना को भी जन्म देता है। इन अवैध स्टैंडों के कारण महिलाओं को खुलेआम शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है, जो एक गंभीर सामाजिक समस्या है।

प्रशासन की चुप्पी इस समस्या को और जटिल बना रही है। हालांकि, यात्री और नागरिक संगठन समय-समय पर इस मुद्दे को उठाते रहे हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा इसके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। यदि प्रशासन इस मामले में सख्त कदम नहीं उठाता है तो यह स्थिति और भी विकट हो सकती है।

इसके समाधान के लिए प्रशासन को अवैध ऑटो स्टैंड की पहचान कर, उन पर नियमानुसार कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, सख्त कानूनों का पालन करवाने के लिए पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को सक्रिय रूप से काम करना होगा। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके अलावा, नागरिकों को भी इस तरह की समस्याओं के प्रति जागरूक करना जरूरी है ताकि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा सकें।

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कैंपियरगंज क्षेत्र में मेडिकल जांच टीम की कार्रवाई से मेडिकल माफियाओं में हड़कंप

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गोरखपुर/कैंपियरगंज में लखनऊ से आई उच्चस्तरीय मेडिकल जांच टीम ने कैंपियरगंज सीएचसी क्षेत्र में गुरुवार को व्यापक औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया। टीम ने क्षेत्र के विभिन्न पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड सेंटर, मेडिकल स्टोर और निजी अस्पतालों की गतिविधियों की गहन जांच की।

सूत्रों के अनुसार जांच अभियान के दौरान टीम ने ओम पैथोलॉजी सेंटर, रमा अल्ट्रासाउंड सेंटर, बंगाली मेडिकल स्टोर, मोदीगंज स्थित एक अल्ट्रासाउंड सेंटर, और एक हड्डी संबंधित अस्पताल सहित कुल 16 संस्थानों की कार्यप्रणाली का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद इन सभी 16 प्रतिष्ठानों को अनियमितताओं और आवश्यक दस्तावेजों की कमी के आधार पर “नोटिस जारी” किए गए।

मेडिकल जांच टीम ने संबंधित सभी संस्थानों से एक सप्ताह के भीतर अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। टीम का कहना है कि क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए यह कार्रवाई आवश्यक थी। यदि संबंधित प्रतिष्ठान निर्धारित समय सीमा के भीतर संतोषजनक जवाब देने में असमर्थ रहते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।

गौरतलब है कि हाल के महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल संस्थानों द्वारा नियमों के उल्लंघन और बिना अनुमति जांच चलाने की शिकायतें बढ़ रही थीं। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर विशेष निरीक्षण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जगी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और मरीजों को सही सुविधाएं मिल सकेंगी।

स्थानीय निवासियों ने मेडिकल जांच टीम की इस कार्रवाई को “सकारात्मक कदम” बताया और उम्मीद जताई कि इससे अवैध और नियम विरुद्ध चिकित्सा गतिविधियों पर रोक लगेगी।

यह निरीक्षण अभियान आगे भी जारी रहेगा ताकि हर स्वास्थ्य केंद्र और निजी मेडिकल संस्था नियमानुसार सेवाएं प्रदान करे और मरीजों का भरोसा बना रहे।

इस संबंध में जब सीएचसी अधीक्षक डॉ विनोद वर्मा से बात की गई तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी बोलने से मना कर दिया है।

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ऑटो चालक की ईमानदारी बनी मिसाल, ढाई लाख के जेवरात सहित बैग लौटाया

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गोरखपुर/ पीपीगंज थाना क्षेत्र के रायपुर की रहने वाली कलावती देवी, पत्नी दिनेश कुमार, शादी समारोह में शामिल होने के लिए अपने मायके बालापार जा रही थीं। यात्रा के दौरान वे पीपीगंज से गोरखपुर जाने वाले एक ऑटो में सवार हुईं। महुआसर उतरने के बाद जल्दबाज़ी में वे अपना बैग ऑटो से उतारना भूल गईं और अगले वाहन का इंतज़ार करने लगीं। इसी दौरान जब बैग याद आया तो कलावती देवी बेचैन हो उठीं और तुरंत परिजनों को सूचना दी।

परिजनों ने मौके पर पहुंचकर ऑटो चालक की काफी तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। थक-हारकर उन्होंने चिलुआताल पुलिस को बैग गुमशुदगी की लिखित तहरीर दे दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए संबंधित मार्गों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए।

उधर, जब ऑटो चालक अजय त्रिपाठी की नजर अपने वाहन में छूटे बैग पर पड़ी, तो उन्होंने बिना देर किए और बिना बैग खोले ही उसे पीपीगंज पुलिस चौकी प्रभारी गौरव त्रिपाठी को सौंप दिया। सूचना मिलते ही कलावती देवी पुलिस चौकी पहुंचीं और बैग की पहचान की। बैग खोलकर देखा तो सोने की चार अंगूठियां, दो झुमके, एक मंगलसूत्र समेत कुल लगभग ढाई लाख रुपए के जेवरात और नगद पूरी तरह सुरक्षित मिले।

चौकी प्रभारी ने पूरे मामले की लिखा-पढ़ी की और चिलुआताल पुलिस की सहमति से बैग महिला को सुपुर्द कर दिया।

जब ऑटो चालक अजय त्रिपाठी से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि यह उनका पहला मामला नहीं है। वे पहले भी कई बार ऑटो में छूटे सामान को पुलिस को सौंप चुके हैं। उनकी इस ईमानदारी की क्षेत्र में खूब सराहना हो रही है। वहीं कलावती देवी और उनके परिजनों ने भी अजय त्रिपाठी को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया।

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SIR फ़ॉर्म जमा कराने में प्रशासन सक्रिय, डीएम ने एआरओ, बीएलओ को दिए कड़े निर्देश

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गोरखपुर/ जिले में SIR फार्म को लेकर जिला प्रशासन अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है। डीएम दीपक मीणा ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि SIR फार्म से जुड़े सभी एआरओ और बीएलओ अपने-अपने क्षेत्रों के शत-प्रतिशत SIR प्रपत्र अतिशीघ्र जमा करें, ताकि मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में देरी न हो और सभी मतदाताओं के नाम समय से शामिल किए जा सकें।

इसी के क्रम में पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिघरा में खंड शिक्षा अधिकारी भरोहिया नीलम की अगुवाई में अभियान लगातार चल रहा है। उन्होंने बताया कि विद्यालय के बूथ पर कुल लगभग 5000 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से 65% SIR फार्म अब तक जमा हो चुके हैं। शेष फॉर्म भी जल्द ही जमा कराए जा रहे हैं ताकि सूची संशोधन प्रक्रिया में कोई विलंब न हो।

कार्यक्रम के दौरान अंजना, गीता सिंह, मधुबाला सिंह, सीमा कश्यप सहित कई बीएलओ मौजूद रहीं। खंड शिक्षा अधिकारी नीलम ने सभी बीएलओ के साथ मिलकर SIR फार्म को शत-प्रतिशत भरवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

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