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जंगल कौड़ियां सीएचसी में मरीजों से अवैध वसूली का आरोप, वायरल स्क्रीनशॉट से खुला राज

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गोरखपुर/ जिले के जंगल कौड़िया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एंटी रेबीज इंजेक्शन के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है। सोशल मीडिया पर एक मरीज की पर्ची और यूपीआई भुगतान का स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें 20 रुपये का ऑनलाइन लेन-देन दिखाया गया है। इस खुलासे के बाद क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।

वायरल पर्ची से खुली पोल

मामले की तहकीकात के दौरान सामने आया कि संस्कार त्रिपाठी नामक मरीज के पिता गंगापति त्रिपाठी से एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने के एवज में 20 रुपये मांगे गए। जब उन्होंने नकद भुगतान में असमर्थता जताई, तो प्रशिक्षणरत फार्मासिस्ट प्रदीप कुमार यादव ने यूपीआई के माध्यम से पैसे मंगाए। इस लेन-देन का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए।

ग्रामीणों में आक्रोश

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज जैसी आवश्यक दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं, इसके बावजूद मरीजों से अवैध वसूली की जा रही है। कई ग्रामीणों ने कहा कि गरीब मरीज पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और अस्पताल से राहत की उम्मीद करते हैं। ऐसे में अवैध रूप से पैसा लेना अत्यंत निंदनीय है।

अस्पताल अधीक्षक ने कही कार्रवाई की बात

इस पूरे प्रकरण पर जब अस्पताल अधीक्षक उमेश नारायण गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि मामले की जानकारी मिली है और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अधीक्षक ने कहा कि यदि दोषी पाया गया तो संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल अधीक्षक खुद अक्सर अस्पताल में मौजूद रहते हैं, फिर भी ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अस्पताल का निरीक्षण भी किया गया था और लापरवाही को लेकर चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं अस्पताल की छवि को धूमिल कर रही हैं।

जांच और कार्रवाई की मांग

क्षेत्रीय जनता ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिलाधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत करेंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की अवैध वसूली से स्वास्थ्य सेवाओं पर से जनता का भरोसा उठता जा रहा है। यदि व्यवस्था में पारदर्शिता नहीं लाई गई तो भविष्य में मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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कैंपियरगंज क्षेत्र में मेडिकल जांच टीम की कार्रवाई से मेडिकल माफियाओं में हड़कंप

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गोरखपुर/कैंपियरगंज में लखनऊ से आई उच्चस्तरीय मेडिकल जांच टीम ने कैंपियरगंज सीएचसी क्षेत्र में गुरुवार को व्यापक औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया। टीम ने क्षेत्र के विभिन्न पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड सेंटर, मेडिकल स्टोर और निजी अस्पतालों की गतिविधियों की गहन जांच की।

सूत्रों के अनुसार जांच अभियान के दौरान टीम ने ओम पैथोलॉजी सेंटर, रमा अल्ट्रासाउंड सेंटर, बंगाली मेडिकल स्टोर, मोदीगंज स्थित एक अल्ट्रासाउंड सेंटर, और एक हड्डी संबंधित अस्पताल सहित कुल 16 संस्थानों की कार्यप्रणाली का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद इन सभी 16 प्रतिष्ठानों को अनियमितताओं और आवश्यक दस्तावेजों की कमी के आधार पर “नोटिस जारी” किए गए।

मेडिकल जांच टीम ने संबंधित सभी संस्थानों से एक सप्ताह के भीतर अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। टीम का कहना है कि क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए यह कार्रवाई आवश्यक थी। यदि संबंधित प्रतिष्ठान निर्धारित समय सीमा के भीतर संतोषजनक जवाब देने में असमर्थ रहते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।

गौरतलब है कि हाल के महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल संस्थानों द्वारा नियमों के उल्लंघन और बिना अनुमति जांच चलाने की शिकायतें बढ़ रही थीं। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर विशेष निरीक्षण अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जगी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और मरीजों को सही सुविधाएं मिल सकेंगी।

स्थानीय निवासियों ने मेडिकल जांच टीम की इस कार्रवाई को “सकारात्मक कदम” बताया और उम्मीद जताई कि इससे अवैध और नियम विरुद्ध चिकित्सा गतिविधियों पर रोक लगेगी।

यह निरीक्षण अभियान आगे भी जारी रहेगा ताकि हर स्वास्थ्य केंद्र और निजी मेडिकल संस्था नियमानुसार सेवाएं प्रदान करे और मरीजों का भरोसा बना रहे।

इस संबंध में जब सीएचसी अधीक्षक डॉ विनोद वर्मा से बात की गई तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी बोलने से मना कर दिया है।

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ऑटो चालक की ईमानदारी बनी मिसाल, ढाई लाख के जेवरात सहित बैग लौटाया

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गोरखपुर/ पीपीगंज थाना क्षेत्र के रायपुर की रहने वाली कलावती देवी, पत्नी दिनेश कुमार, शादी समारोह में शामिल होने के लिए अपने मायके बालापार जा रही थीं। यात्रा के दौरान वे पीपीगंज से गोरखपुर जाने वाले एक ऑटो में सवार हुईं। महुआसर उतरने के बाद जल्दबाज़ी में वे अपना बैग ऑटो से उतारना भूल गईं और अगले वाहन का इंतज़ार करने लगीं। इसी दौरान जब बैग याद आया तो कलावती देवी बेचैन हो उठीं और तुरंत परिजनों को सूचना दी।

परिजनों ने मौके पर पहुंचकर ऑटो चालक की काफी तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। थक-हारकर उन्होंने चिलुआताल पुलिस को बैग गुमशुदगी की लिखित तहरीर दे दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए संबंधित मार्गों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए।

उधर, जब ऑटो चालक अजय त्रिपाठी की नजर अपने वाहन में छूटे बैग पर पड़ी, तो उन्होंने बिना देर किए और बिना बैग खोले ही उसे पीपीगंज पुलिस चौकी प्रभारी गौरव त्रिपाठी को सौंप दिया। सूचना मिलते ही कलावती देवी पुलिस चौकी पहुंचीं और बैग की पहचान की। बैग खोलकर देखा तो सोने की चार अंगूठियां, दो झुमके, एक मंगलसूत्र समेत कुल लगभग ढाई लाख रुपए के जेवरात और नगद पूरी तरह सुरक्षित मिले।

चौकी प्रभारी ने पूरे मामले की लिखा-पढ़ी की और चिलुआताल पुलिस की सहमति से बैग महिला को सुपुर्द कर दिया।

जब ऑटो चालक अजय त्रिपाठी से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि यह उनका पहला मामला नहीं है। वे पहले भी कई बार ऑटो में छूटे सामान को पुलिस को सौंप चुके हैं। उनकी इस ईमानदारी की क्षेत्र में खूब सराहना हो रही है। वहीं कलावती देवी और उनके परिजनों ने भी अजय त्रिपाठी को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया।

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SIR फ़ॉर्म जमा कराने में प्रशासन सक्रिय, डीएम ने एआरओ, बीएलओ को दिए कड़े निर्देश

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गोरखपुर/ जिले में SIR फार्म को लेकर जिला प्रशासन अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है। डीएम दीपक मीणा ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि SIR फार्म से जुड़े सभी एआरओ और बीएलओ अपने-अपने क्षेत्रों के शत-प्रतिशत SIR प्रपत्र अतिशीघ्र जमा करें, ताकि मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में देरी न हो और सभी मतदाताओं के नाम समय से शामिल किए जा सकें।

इसी के क्रम में पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिघरा में खंड शिक्षा अधिकारी भरोहिया नीलम की अगुवाई में अभियान लगातार चल रहा है। उन्होंने बताया कि विद्यालय के बूथ पर कुल लगभग 5000 मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से 65% SIR फार्म अब तक जमा हो चुके हैं। शेष फॉर्म भी जल्द ही जमा कराए जा रहे हैं ताकि सूची संशोधन प्रक्रिया में कोई विलंब न हो।

कार्यक्रम के दौरान अंजना, गीता सिंह, मधुबाला सिंह, सीमा कश्यप सहित कई बीएलओ मौजूद रहीं। खंड शिक्षा अधिकारी नीलम ने सभी बीएलओ के साथ मिलकर SIR फार्म को शत-प्रतिशत भरवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

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